अगर एहसास है तो , कर लो मोहब्बत को महसूस… ये वो जज़्बा है जो लफ्ज़ो में , समझाया नही जाता…
पहला प्यार बहुत ख़ास होता है, पर बहुत कम लोगों के पास होता है
आहिस्ता बोलने का उसका अंदाज भी कमाल था…..कानों ने कुछ सुना नही…और दिल सब समझ गया……
खुशनसीब कुछ ऐसे हो जाये हम , तुम हो , हम हो और इश्क़ हो जाए
मोहब्बत हो कर भी हम तुमसे छुपाते फिरते है, तुम्हे अनदेखा कर फिर छुप छुप कर देखा करते है
एक हथेली तेरी हो..एक हथेली मेरी हो..दोनों मिलके अपने रब से प्यार की मांगे दुआ…प्यार के इस खेल में..दो दिलों के मेल में..जीत हो तो दोनों की हो ..हार अकेली मेरी हो ..!!
हे खुदा उम्र चाहे मेरी कम लिखना पर जितनी लिखना उसके साथ लिखना
मेरी जान को हमेशा खुश रखना… ए खुदा… उसके जख्मों की कीमत मेरी जिंदगी से काट लेना…
तेरी यादे सर्दीयो सी बढ रही है …..और मेरी नींद temperature जैसी घट रही है ……
तू रूप की रानी में handsome राजा देर मत कर पगली मेरी बाहों में आजा
तुम मेरे नहीं हो फिर भी ना जाने क्यूँ दिल करता है, कि उन सबका मुंह तोड़ दूँ जिससे तुम बात करते हो !!
तुम खुश होकर मुस्कराते हो , हम तुम्हे खुश देख कर मुस्कराते हैं
खूबसूरती न सूरत में होती है न लिबास में… बस निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें …..
बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे , अब बात इतनी बढ़ गयी है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता
तेरे गुस्से पर भी प्यार आता है हमे, कोई तो है ज़िन्दगी में जो इतने हक् से हमें धमकाता है।
बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,तो इजहार-ए-इश्क़ को अल्फ़ाज़ की जरूरत नहीं होती।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे..धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही..
मेरी बाकी उँगलियाँ भी उस ऊँगली से जलती है जिस ऊँगली को पकड़ कर मेरी जान चलती है …..
नाम तेरा ऐसे लिख चुके है अपने वजूद पर..कि तेरे नाम का भी कोई मिल जाए….तो भी दिल धड़क जाता है….
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
हम समझदार भी इतने है की उनका झूठ पकड़ लेते है,पर उनके दीवाने भी इतने है की फिर भी सच मान लेते है !
मिलने का दौर और बढ़ाइए मोहब्बत में … अब यादों से गुज़ारा नहीं होता।
अच्छा लगता है तुम्हारे लफ्जों में खुद को ढूँढना ….इतराती हूँ , मुस्कुराती हूँ और तुममें ढल सी जाती हूँ..
मोहब्बत इतनी ख़ामोशी से करो कि तुम्हारी शादी शोर मचा दे…
मुझे ज्यादा कुछ नहीं … बस मेरी शादी के card पर तेरा नाम अपने नाम के साथ चाहिए
बहुत ही खूबसूरत लम्हा था वो …जब उसने कहा था मुझे तुमसे मोहब्बत है और तुमसे ही रहेगी
तुझे जब धड़कनों में बसाया तो … धड़कने भी बोल उठी.. अब मज़ा आ रहा हैं धक-धक करने में ….
कितना प्यार है इस दिल में तेरे लिए, अगर बयां कर दिया तो ……तू नहीं ये दुनिया मेरी दिवानी हो जायेगी
इन आँखों को जब तेरा दीदार😍 हो जाता है …. दिन कोई भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है
मैं तेरे नसीब की बारिश नहीं जो तुझ पर बरस जाऊँ …… तुझे तकदीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए…..
वो मेरी पसन्द के बारे में पूछती है ….. अब क्या कहूँ उस नासमझ को जो अपने बारे में ही पूछती है
अगर शायरी में इश्क लिखता हूँ तो चाहत साँस लेती है…हमारी धड़कनो में खुद तेरी मोहब्बत साँस लेती है…
मिलना है तुझसे बिछड़ने से पहले , पाना है तुझे खोने से पहले , और जीना है तेरे साथ मारने से पहले…
एक धागे के प्रेम में,जैसे मोमबत्ती कतरा-कतरा जलती है,बस ऐसा ही प्यार… वो पगला मुझसे करता है…
शिकायतों की पाई-पाई जोड़कर रखी थी मैंने, उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया
तुम्हें कितनी मोहब्बत है… मालूम नहीं …. मुझे लोग आज भी तेरी क़सम दे कर मना लेते है
वो मौत भी बडी हसीन होगी जो तेरी बाहो मे आनी होगी… वादा रहा तुझसे, पहले हम मर जायेंगे क्योंकि तेरे लिये जऩ्नत भी सजानी होगी
तेरे हुस्न को नकाब की जरुरत ही क्या है न जाने कौन रहता होगा होश में तुझे देखने के बाद
चाहता हूँ तुझे अपने दिल में छुपाना…क्योकि बहुत बुरा है ये ज़माना…
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी एक अदा के सामने, मैं तुझे ख़ुदा कह गया अपने ख़ुदा के सामने ।।
सीने से लगा के सुन वो धड़कन जो तुझसे मिलने के इंतजार में है
बड़े प्यारे होते है न ऐसे रिश्ते …….जिन पर कोई हक़ भी न हो और शक भी न हो।
मुझे देख कर आसमान के तारे भी .मेरी तरफ गुस्से😈 से देख रहे है….और पूछ रहे है “हमारा एक तारा तुम्हारे पास कैसे..?
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते, कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते..
ना हीरों की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ.. वो एक “भोली” सी लडकी हे जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ !!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की, शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
एक वो हैं, जो हमारी बात समझते नहीं…और यहाँ जमाना हमारे स्टेटस पढ़कर, दीवाना हुआ जा रहा है.
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की, शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
एक वो हैं, जो हमारी बात समझते नहीं…और यहाँ जमाना हमारे स्टेटस पढ़कर, दीवाना हुआ जा रहा है.
अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप … तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….
पहला प्यार बहुत ख़ास होता है, पर बहुत कम लोगों के पास होता है
आहिस्ता बोलने का उसका अंदाज भी कमाल था…..कानों ने कुछ सुना नही…और दिल सब समझ गया……
खुशनसीब कुछ ऐसे हो जाये हम , तुम हो , हम हो और इश्क़ हो जाए
मोहब्बत हो कर भी हम तुमसे छुपाते फिरते है, तुम्हे अनदेखा कर फिर छुप छुप कर देखा करते है
एक हथेली तेरी हो..एक हथेली मेरी हो..दोनों मिलके अपने रब से प्यार की मांगे दुआ…प्यार के इस खेल में..दो दिलों के मेल में..जीत हो तो दोनों की हो ..हार अकेली मेरी हो ..!!
हे खुदा उम्र चाहे मेरी कम लिखना पर जितनी लिखना उसके साथ लिखना
मेरी जान को हमेशा खुश रखना… ए खुदा… उसके जख्मों की कीमत मेरी जिंदगी से काट लेना…
तेरी यादे सर्दीयो सी बढ रही है …..और मेरी नींद temperature जैसी घट रही है ……
तू रूप की रानी में handsome राजा देर मत कर पगली मेरी बाहों में आजा
तुम मेरे नहीं हो फिर भी ना जाने क्यूँ दिल करता है, कि उन सबका मुंह तोड़ दूँ जिससे तुम बात करते हो !!
तुम खुश होकर मुस्कराते हो , हम तुम्हे खुश देख कर मुस्कराते हैं
खूबसूरती न सूरत में होती है न लिबास में… बस निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें …..
बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे , अब बात इतनी बढ़ गयी है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता
तेरे गुस्से पर भी प्यार आता है हमे, कोई तो है ज़िन्दगी में जो इतने हक् से हमें धमकाता है।
बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,तो इजहार-ए-इश्क़ को अल्फ़ाज़ की जरूरत नहीं होती।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे..धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही..
मेरी बाकी उँगलियाँ भी उस ऊँगली से जलती है जिस ऊँगली को पकड़ कर मेरी जान चलती है …..
नाम तेरा ऐसे लिख चुके है अपने वजूद पर..कि तेरे नाम का भी कोई मिल जाए….तो भी दिल धड़क जाता है….
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
हम समझदार भी इतने है की उनका झूठ पकड़ लेते है,पर उनके दीवाने भी इतने है की फिर भी सच मान लेते है !
मिलने का दौर और बढ़ाइए मोहब्बत में … अब यादों से गुज़ारा नहीं होता।
अच्छा लगता है तुम्हारे लफ्जों में खुद को ढूँढना ….इतराती हूँ , मुस्कुराती हूँ और तुममें ढल सी जाती हूँ..
मोहब्बत इतनी ख़ामोशी से करो कि तुम्हारी शादी शोर मचा दे…
मुझे ज्यादा कुछ नहीं … बस मेरी शादी के card पर तेरा नाम अपने नाम के साथ चाहिए
बहुत ही खूबसूरत लम्हा था वो …जब उसने कहा था मुझे तुमसे मोहब्बत है और तुमसे ही रहेगी
तुझे जब धड़कनों में बसाया तो … धड़कने भी बोल उठी.. अब मज़ा आ रहा हैं धक-धक करने में ….
कितना प्यार है इस दिल में तेरे लिए, अगर बयां कर दिया तो ……तू नहीं ये दुनिया मेरी दिवानी हो जायेगी
इन आँखों को जब तेरा दीदार😍 हो जाता है …. दिन कोई भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है
मैं तेरे नसीब की बारिश नहीं जो तुझ पर बरस जाऊँ …… तुझे तकदीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए…..
वो मेरी पसन्द के बारे में पूछती है ….. अब क्या कहूँ उस नासमझ को जो अपने बारे में ही पूछती है
अगर शायरी में इश्क लिखता हूँ तो चाहत साँस लेती है…हमारी धड़कनो में खुद तेरी मोहब्बत साँस लेती है…
मिलना है तुझसे बिछड़ने से पहले , पाना है तुझे खोने से पहले , और जीना है तेरे साथ मारने से पहले…
एक धागे के प्रेम में,जैसे मोमबत्ती कतरा-कतरा जलती है,बस ऐसा ही प्यार… वो पगला मुझसे करता है…
शिकायतों की पाई-पाई जोड़कर रखी थी मैंने, उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया
तुम्हें कितनी मोहब्बत है… मालूम नहीं …. मुझे लोग आज भी तेरी क़सम दे कर मना लेते है
वो मौत भी बडी हसीन होगी जो तेरी बाहो मे आनी होगी… वादा रहा तुझसे, पहले हम मर जायेंगे क्योंकि तेरे लिये जऩ्नत भी सजानी होगी
तेरे हुस्न को नकाब की जरुरत ही क्या है न जाने कौन रहता होगा होश में तुझे देखने के बाद
चाहता हूँ तुझे अपने दिल में छुपाना…क्योकि बहुत बुरा है ये ज़माना…
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी एक अदा के सामने, मैं तुझे ख़ुदा कह गया अपने ख़ुदा के सामने ।।
सीने से लगा के सुन वो धड़कन जो तुझसे मिलने के इंतजार में है
बड़े प्यारे होते है न ऐसे रिश्ते …….जिन पर कोई हक़ भी न हो और शक भी न हो।
मुझे देख कर आसमान के तारे भी .मेरी तरफ गुस्से😈 से देख रहे है….और पूछ रहे है “हमारा एक तारा तुम्हारे पास कैसे..?
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते, कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते..
ना हीरों की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ.. वो एक “भोली” सी लडकी हे जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ !!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की, शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
एक वो हैं, जो हमारी बात समझते नहीं…और यहाँ जमाना हमारे स्टेटस पढ़कर, दीवाना हुआ जा रहा है.
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की, शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
एक वो हैं, जो हमारी बात समझते नहीं…और यहाँ जमाना हमारे स्टेटस पढ़कर, दीवाना हुआ जा रहा है.
अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप … तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….
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