पुछेगा अगर खुदा तो कहूँगी …. हाँ हूई थी मोहब्बत मगर जिसके साथ हूई वो उसके काबिल ना था
तुम हो तो बसंत है, तुम नहीं तो बस अंत है
तलाश सिर्फ सुकून कि होती हैं नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है, ज़रूरी नही कि वो बेवफ़ा होता है.. देखकर आपकीआँखों में आँसू वो भी आपसे ज्यादा रोता है
सवर रही है….अब वो …. किसी और के लिए…….पर मैं…. बिखर रहा हूँ …..आज भी उसी के लिए
ताला लगा दिया दिल को….. अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं …..बंद होकर फिर खुल जाए….. ये कोई दुकान💔नही
कमी तेरे नसीबों में रही होगी, कि तू मेरी ना हुई, मैने तो कोशिश बहुत की,तुझे अपना बनाने की…
गलती उनकी नहीं …. कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तों .. हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल ❤ लगा बैठे
तेरी मजबूरियां भी होगी चलो मान लेते हैं ..मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का
बेवजह बिछड़ तो गए हो तुम बस इतना बता दो कि सकून मिला या नहीं।
याद उन्ही की आती है, जिनसे दिल के तालुक हो , हर किसी से मोहब्बत हो ऐसा तो मुमकिन नहीं
मुद्दत बाद जब उसने मेरी खामोश आँखें देखी तो ये कहकर फिर रुला गया कि लगता है अब सम्भल गए हो
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िंदगी, हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत ना मिली !!.
जा माफ़ किया जी ले अपनी मर्ज़ी की ज़िन्दगी , हम मोहब्बत के बादशाह है बेवफाओं को मुँह नहीं लगाते।
मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं, लेकिन ये तय तो हो कि अभी जी रही हूँ मैं !!
तनहा ही उम्र गुजरती है, लोग तसल्लिया देते है साथ नहीं !!
“मोहब्बत” की तरह “नफरत” का भी साल में एक ही दिन तय कर दो कोई…..ये रोज़-रोज़ की नफरतें अच्छी नहीं लगतीं..!!
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग… दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते….
जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना, हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये..
हर रात गुजर रही है रूठने और मनाने में…….कहीं साँसें थम ना जाए मेरी… हमारे प्यार को बचाने में……..
बडी मुश्किलों से सीखा हे जीना, दूर तुझसे होकर तेरे बिना…. लोटकर फिर न आना, वरना जीकर भी मर जाऊँगा तेरे बिना
मैं रोज़ लफ़्ज़ों में बयान करता हूँ अपना दर्द,और सब लोग सिर्फ़ वाह-वाह कह कर चले जाते है
वो रोया तो बहुत होगा खाली कागज़ देख कर.. ज़िन्दगी कैसी बीत रही है.. उसने पूछा था ख़त में…
अजीब कशमकश है जान किसे दें। वो भी आ बैठे और मौत भी।
छोङो ना यार, क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ, किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ..
कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर.. के हासिल होने की उम्मीद भी नही थी, फिर भी वफ़ा करता था !!
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते! गम के आंसू न बहाते तो और क्या करते! उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ! हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
जो कभी मेरी उदासी की वजह पूछा करता था अब उसको मेरे रोने से भी फर्क नहीं पढ़ता।
वो पत्थर कहाँ मिलेंगे दोस्तों ? जिसे लोग दिल पर रख कर एक दूसरे को भूल जाते हैं।
बात किस्मत की है जो जुदा हो गए हम वरना वो तो मुझे अपनी तकदीर कहा करते थे।
ज़हर से ज्यादा खतरनाक है ये मोहब्बत…. जरा सा कोई चख ले मर – मर के जीता है।
ये अजीब खेल चल रहा है मेरी ज़िन्दगी में जहाँ ” याद ” का लफ्ज़ आ जाए , वहां तुम याद आ जाते हो।
कहते है, प्यार की शुरुआत आँखो से होती है,यकीन मानो दोस्तो ,प्यार की कीमत भी आँखो से ही चुकानी पड़ती है
कोशिश तो होती है कि तेरी हर ख़्वाइश पूरी करूँ पर डर लगता है कि तू ख़्वाइश में कहीं मुझसे जुदाई ना माँग ले।
थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो , चुप रहते हो तो भूल जाने का एहसास होता है।
पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है , हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है।
हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम, तेरे पास आने के लिये…ना जाने कितने फासले तय करने अभी बाकी है तुमको पाने के लिये..
वो जा रही थी और मैं खामोश खड़ा देखता रहा, क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते..!
इतना कुछ हो रहा है..दुनिया में, ……क्या तुम मेरे नही हो सकते..
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो…एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
काश तू मेरी मौत होती तो एक दिन मेरी ज़रूर होती।
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें, यहाँ☝🏻हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं…
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमें कोई बुराई थी , सब नसीब का खेल है , बस किस्मत में जुदाई थी।
इरादा कतल का था तो मेरा सिर कलम कर देते , क्यों इश्क़ में डाल कर तूने मेरी हर साँस पर मौत लिखदी।
मोहब्बत भी हाथों में लगी मेहँदी की तरह होती है कितनी भी गहरी क्यों ना हो फीकी पड़ ही जाती है।
भुला देंगे तुमको ज़रा सब्र तो कीजिये , आपकी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा हमें।
अबकी बार सुलह करले मुझसे ए दिल वादा करता हूँ की फिर नहीं दूँगा तुझे किसी ज़ालिम के हाथों में
हमें तो कब से पता था कि तुम बेवफा हो बस तुझसे प्यार करते रहे कि शायद तुम्हारी फितरत बदल जाये।
लिखना था की खुश हूँ तेरे बिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………..लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में……रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में !!
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह।
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है .. पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में …
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए।
उजड़ जाते हैं सिर से पाँव तक वो लोग …. जो किसी बेपरवाह से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं !
हजारो गम है सीने मे मगर शिकवा करें किससे… इधर दिल है तो अपना है… उधर तुम हो तो अपने हो…
भरोसा जितना कीमती होता है धोका उतना ही महँगा हो जाता है।
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी…… पहले पागल किया..फिर पागल कहा..फिर पागल समझ कर छोड़ दिया..
खुल जाता है तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह और हम उसी रौनक में पूरा दिन गुजार देते है..
मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में , मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतों का , मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है।
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता :(
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है….
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम….
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।
जरा खुद ही सोचना क्या गुज़रेगी उस दिन तुम पर……जब तू चाहेगी मुझे मेरी तरह और मैं छोड दूँगा तुझे तेरी तरह..
कसूर उनका नहीं हमारा ही है…. हमारी चाहत ही इतनी थी कि उनको गुरूर आ गया।
तुम हो तो बसंत है, तुम नहीं तो बस अंत है
तलाश सिर्फ सुकून कि होती हैं नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है, ज़रूरी नही कि वो बेवफ़ा होता है.. देखकर आपकीआँखों में आँसू वो भी आपसे ज्यादा रोता है
सवर रही है….अब वो …. किसी और के लिए…….पर मैं…. बिखर रहा हूँ …..आज भी उसी के लिए
ताला लगा दिया दिल को….. अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं …..बंद होकर फिर खुल जाए….. ये कोई दुकान💔नही
कमी तेरे नसीबों में रही होगी, कि तू मेरी ना हुई, मैने तो कोशिश बहुत की,तुझे अपना बनाने की…
गलती उनकी नहीं …. कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तों .. हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल ❤ लगा बैठे
तेरी मजबूरियां भी होगी चलो मान लेते हैं ..मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का
बेवजह बिछड़ तो गए हो तुम बस इतना बता दो कि सकून मिला या नहीं।
याद उन्ही की आती है, जिनसे दिल के तालुक हो , हर किसी से मोहब्बत हो ऐसा तो मुमकिन नहीं
मुद्दत बाद जब उसने मेरी खामोश आँखें देखी तो ये कहकर फिर रुला गया कि लगता है अब सम्भल गए हो
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िंदगी, हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत ना मिली !!.
जा माफ़ किया जी ले अपनी मर्ज़ी की ज़िन्दगी , हम मोहब्बत के बादशाह है बेवफाओं को मुँह नहीं लगाते।
मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं, लेकिन ये तय तो हो कि अभी जी रही हूँ मैं !!
तनहा ही उम्र गुजरती है, लोग तसल्लिया देते है साथ नहीं !!
“मोहब्बत” की तरह “नफरत” का भी साल में एक ही दिन तय कर दो कोई…..ये रोज़-रोज़ की नफरतें अच्छी नहीं लगतीं..!!
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग… दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते….
जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना, हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये..
हर रात गुजर रही है रूठने और मनाने में…….कहीं साँसें थम ना जाए मेरी… हमारे प्यार को बचाने में……..
बडी मुश्किलों से सीखा हे जीना, दूर तुझसे होकर तेरे बिना…. लोटकर फिर न आना, वरना जीकर भी मर जाऊँगा तेरे बिना
मैं रोज़ लफ़्ज़ों में बयान करता हूँ अपना दर्द,और सब लोग सिर्फ़ वाह-वाह कह कर चले जाते है
वो रोया तो बहुत होगा खाली कागज़ देख कर.. ज़िन्दगी कैसी बीत रही है.. उसने पूछा था ख़त में…
अजीब कशमकश है जान किसे दें। वो भी आ बैठे और मौत भी।
छोङो ना यार, क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ, किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ..
कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर.. के हासिल होने की उम्मीद भी नही थी, फिर भी वफ़ा करता था !!
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते! गम के आंसू न बहाते तो और क्या करते! उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ! हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
जो कभी मेरी उदासी की वजह पूछा करता था अब उसको मेरे रोने से भी फर्क नहीं पढ़ता।
वो पत्थर कहाँ मिलेंगे दोस्तों ? जिसे लोग दिल पर रख कर एक दूसरे को भूल जाते हैं।
बात किस्मत की है जो जुदा हो गए हम वरना वो तो मुझे अपनी तकदीर कहा करते थे।
ज़हर से ज्यादा खतरनाक है ये मोहब्बत…. जरा सा कोई चख ले मर – मर के जीता है।
ये अजीब खेल चल रहा है मेरी ज़िन्दगी में जहाँ ” याद ” का लफ्ज़ आ जाए , वहां तुम याद आ जाते हो।
कहते है, प्यार की शुरुआत आँखो से होती है,यकीन मानो दोस्तो ,प्यार की कीमत भी आँखो से ही चुकानी पड़ती है
कोशिश तो होती है कि तेरी हर ख़्वाइश पूरी करूँ पर डर लगता है कि तू ख़्वाइश में कहीं मुझसे जुदाई ना माँग ले।
थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो , चुप रहते हो तो भूल जाने का एहसास होता है।
पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है , हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है।
हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम, तेरे पास आने के लिये…ना जाने कितने फासले तय करने अभी बाकी है तुमको पाने के लिये..
वो जा रही थी और मैं खामोश खड़ा देखता रहा, क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते..!
इतना कुछ हो रहा है..दुनिया में, ……क्या तुम मेरे नही हो सकते..
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो…एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
काश तू मेरी मौत होती तो एक दिन मेरी ज़रूर होती।
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें, यहाँ☝🏻हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं…
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमें कोई बुराई थी , सब नसीब का खेल है , बस किस्मत में जुदाई थी।
इरादा कतल का था तो मेरा सिर कलम कर देते , क्यों इश्क़ में डाल कर तूने मेरी हर साँस पर मौत लिखदी।
मोहब्बत भी हाथों में लगी मेहँदी की तरह होती है कितनी भी गहरी क्यों ना हो फीकी पड़ ही जाती है।
भुला देंगे तुमको ज़रा सब्र तो कीजिये , आपकी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा हमें।
अबकी बार सुलह करले मुझसे ए दिल वादा करता हूँ की फिर नहीं दूँगा तुझे किसी ज़ालिम के हाथों में
हमें तो कब से पता था कि तुम बेवफा हो बस तुझसे प्यार करते रहे कि शायद तुम्हारी फितरत बदल जाये।
लिखना था की खुश हूँ तेरे बिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………..लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में……रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में !!
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह।
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है .. पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में …
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए।
उजड़ जाते हैं सिर से पाँव तक वो लोग …. जो किसी बेपरवाह से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं !
हजारो गम है सीने मे मगर शिकवा करें किससे… इधर दिल है तो अपना है… उधर तुम हो तो अपने हो…
भरोसा जितना कीमती होता है धोका उतना ही महँगा हो जाता है।
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी…… पहले पागल किया..फिर पागल कहा..फिर पागल समझ कर छोड़ दिया..
खुल जाता है तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह और हम उसी रौनक में पूरा दिन गुजार देते है..
मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में , मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतों का , मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है।
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता :(
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है….
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम….
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।
जरा खुद ही सोचना क्या गुज़रेगी उस दिन तुम पर……जब तू चाहेगी मुझे मेरी तरह और मैं छोड दूँगा तुझे तेरी तरह..
कसूर उनका नहीं हमारा ही है…. हमारी चाहत ही इतनी थी कि उनको गुरूर आ गया।
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